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काशीपुर (उत्तराखंड सेल) के स्थापना के कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि महामहिम राज्यपाल ने उत्तराखंड प्रकोष्ठ (सेल) का फीता काटकर उद्धघाटन किया

काशीपुर, 07 अक्टूबर, उत्तराखंड महामहिम राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि0) गुरमीत सिंह ने आज अपने एक दिवसीय जनपद भ्रमण के दौरान आईआईएम काशीपुर में आयोजित *उत्तराखंड प्रकोष्ठ* (उत्तराखंड सेल) के स्थापना के कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि प्रतिभाग किया। महामहिम राज्यपाल ने उत्तराखंड प्रकोष्ठ (सेल) का फीता काटकर उद्धघाटन किया उसके उपरांत महामहिम ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में सम्बोधित करते हुए महामहिम राज्यपाल ने कहा कि आज के इस सुअवसर पर जब एक महाभियान की शुरुआत “उत्तराखंड सेल ” की स्थापना हो रही है, राज्य के तेजी से विकास के लक्ष्य की पूर्ति के लिए आयोजित इस कार्यक्रम में भाग लेने पर मुझे बहुत ही प्रसन्नता की अनुभूति हो रही है। उन्होंने कहा कि जिस तरह गुरु द्रोणाचार्य ने शिक्षा के लिए काशीपुर को चुना था ठीक उसी तरह भारत सरकार ने इस पावन भूमि को प्रबंध के क्षेत्र में ज्ञान की गंगा बहाने के लिए आईआईएम काशीपुर को स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि इस संस्थान की स्थापना का उद्देश्य उत्तराखंड के लोगो की सोच में बदलाव लाकर प्रदेश को देश का श्रेष्ठ राज्य  बनाना है, मुझे खुशी है कि इस संस्थान ने तेरह वर्षों के दौरान निरंतर सफलता के पायदान चढ़े हैं। उन्होंने कहा कि अपने देश के टॉप 20 संस्थानों में जगह बनाने वाले इस संस्थान के लिए, उत्तराखंड के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने का यह सही समय है। महामहिम ने कहा कि हमारे पौराणिक ग्रंथो में भी गुरुओं का राज्य कल्याण के लिए योगदान का उल्लेख मिलता है। इसी तरह के योगदान के लिए आज का दिन हमारे राज्य के लिए यादगार दिन रहेगा, जब इस महाभियान की शुरुआत “उत्तराखंड सेल ” की स्थापना से हो रही है। उन्होंने कहा कि “उत्तराखंड सेल” उत्तराखंड राज्य एवं आईआईएम काशीपुर के लिए एक ‘थिंक टैंक’ का काम करेगी जो कि राज्य एवं संस्थान के बीच एक सेतु होगा। उन्होंने कहा कि यह प्रबंधकीय उत्कृष्टता के लिए अपना योगदान देगी, जो SETU सेतु का पूरक होगा। यह सेल उत्तराखंड सरकार को संस्थान के विभिन्न विशिष्ट  क्षेत्रों के प्राध्यापकों, उत्कृष्टता केंद्रों एवं अन्य संसाधनों से समन्वय एवं सामंजस्य स्थापित करेगी।

महामहिम राज्यपाल ने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड सरकार के लिए योजना एवं कार्यक्रम को विकसित, आकलन एवं क्रियान्वयन में योगदान करना है। उन्होंने कहा कि भारत का मस्तक हिमालय, भगवान भोले शंकर का वास स्थान है। उन्होंने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि हिमालय की गोद में देवभूमि उत्तराखंड स्थित है। भगवान शिव के त्रिशूल  की तरह, तीन क्षेत्रों का योगदान उत्तराखंड के आर्थिक विकास में आवश्यक है। ये तीन क्षेत्र है टूरिज्म (पर्यटन), कृषि, (उद्यान) एवं तकनीक। उन्होंने कहा कि इस परियोजना में तीन क्षेत्रों में विकास के कार्यों को लेकर राज्य के तीन प्रमुख विश्वविद्यालयों को आईआईएम काशीपुर के साथ काम करने के लिए एमओयू तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक पर्यटन के लिए कुमाऊं यूनिवर्सिटी, उद्यान के लिए जीबी पंत यूनिवर्सिटी तथा तकनिकी के लिए उत्तराखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी के साथ आईआईएम काशीपुर काम करेगा। उन्होंने कहा कि इन तीन क्षेत्रों में राज्य के समग्र विकास के लिए योजना तैयार की जाएगी एवं क्रियान्वयन के लिए उत्तराखंड सरकार के अधिकृत विभाग, संस्था एवं मंत्रालय को उत्तराखंड प्रशासन के नियमो के अनुसार सम्मिलित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि यह महत्वकांक्षी योजना उत्तराखंड के लोगों की सोच बदलाव लाने के लिए अहम कदम है जिससे कि इस राज्य के हर एक नागरिक के मन में कुछ कर दिखाने की चाहत जाग्रत हो। जिसमें भारतीय प्रबंध संस्थान काशीपुर का अहम रोल होगा।

महामहिम राज्यपाल ने कहा कि इस क्षेत्र के प्रतिष्ठित लोग जैसे की स्टीव जॉब, मार्क जुकरबर्ग आदि लोगों ने उत्तराखंड की इस पावन भूमि के गुणों का बखान किया है, हमें उत्तराखंड की प्राकृतिक सम्पदा का उपयोग कर पेशेवर लोगो का आध्यात्मिक विकास करते हुए उनको अपने क्षेत्र में सफल बनाने में योगदान देना होगा, हमें समझना होगा कि स्टीव जॉब एवं जुकरबर्ग को यहां ऐसा क्या मिला एवं कैसे मिला? उसी चीज को अन्य लोगों को कैसे दिया जा सकता है। इसके लिए क्या क्या सुविधाएं चाहिए, किस तरह की ट्रेनिंग चाहिए। आज इसके समाधान की जरुरत है। उन्होंने कहा कि भौगोलिक सम्पदा को ध्यान में रखकर उत्तराखंड राज्य ने आज’ होम स्टे’ के क्षेत्र में बहुत विकास किया है। इसका श्रेय आम जनता की सोच को बदलने वाले सरकार के अभियान को जाता है। उन्होंने कहा कि आज जरुरत है इस तरह के कई अभियानों की, जो उत्तराखंड राज्य में उपलब्ध संसाधनों पर आधारित हो। ऐसी योजनाएं राज्य के विकास के लिए ‘रीढ़ की हड्डी’ साबित होगी। उन्होंने कहा कि मानव सभ्यता के साथ विकसित हुई विश्व प्रसिद्ध चार धाम यात्रा, निरंतर विस्तार ले रही है। आज इसे अत्याधुनिक तरीके से तकनीक का उपयोग करके बेहतर और सुगम बनाने की आवश्यकता  है। इसके लिए सभी संस्थान मार्गदर्शक की भूमिका निभा सकते हैं। श्री सिंह ने कहा कि उत्तराखंड राज्य के उत्पादों की गुणवता विश्व प्रसिद्ध है, लेकिन यहां के किसानो को इसका उचित मूल्य नहीं मिल पाता है।  उन्होंने कहा कि इंटरनेशनल मार्किट में उत्तराखंड के उत्पादों को अच्छा मूल्य मिले, इसके लिए जरुरत है ब्रांडिंग की, लोजिस्टिक्स सपोर्ट की, किसानों के लिए वर्किंग कैपिटल की। उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात है लोगो में, किसानों में, आत्मविश्वास जगाने की। इसके लिए आप सभी संस्थानों से हमारी अपेक्षाएं हैं।

महामहिम राज्यपाल ने कहा कि उद्योगों का विकास इस राज्य की उन्नति के लिए बहुत ही आवश्यक है। प्राकृतिक स्थिति एवं भौतिक संसाधनों को ध्यान में रखकर उद्योगों के विकास के लिए क्या रोडमैप हो? कौन सी नीति अपनानी चाहिए ? किस तरह की मेंटरिंग एवं ट्रेनिंग होनी चाहिए ? आईआईएम काशीपुर से इस दायित्व को निभाने की अपेक्षा करता हूँ। उन्होंने कहा कि विदेशी निवेश को कैसे आकर्षित किया जाए? इसके लिए राज्य की कैसे ब्रांडिंग की जाए? इस राज्य में निवेश के लिए बड़े बड़े औद्योगिक घरानों को कैसे मोटीवेट किया जाए? इससे सम्बंधित बहुत सी समस्याओं के समाधान के लिए सभी को अपना योगदान देना होगा। उन्होंने कहा कि हम लोग परंपरागत बिज़नेस को आधुनिक युग में कैसे विकसित करें? इसके लिए राज्य सरकार को क्या करना चाहिए ? हमारे लोगो को कैसे तैयार किया जाए? इन सभी प्रश्नों का हल खोजना होगा। उन्होंने कहा कि हम लोग साथ मिलकर काम करेंगे, हमारे राज्य को इसका मीठा फल जरूर मिलेगा।

महामहिम राज्यपाल ने कहा कि उधम सिंह नगर जिला का यह सौभाग्य है की आई आई एम उनके अपने परिसर में है। सभी संस्थान उत्तराखंड सेल से जुड़कर विकास के नए रास्ते के लिए नए तरीको का उपयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे देश की ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ यानि ‘सम्पूर्ण विश्व एक परिवार है’ की परंपरा भी समाज और विश्व कल्याण को बढ़ावा देती है। इस सन्दर्भ में मैनेजमेंट संस्थानों का कार्य और भी अहम हो जाता है। उन्होंने कहा कि उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने की अंधी दौड़ ने मानवता को हानि पहुंचाई है। जलवायु परिवर्तन और इकोलॉजिकल डिस्टर्बेंस उसी का परिणाम है। आज पूरा विश्व इस चुनौती से जूझ रहा है। हमें इस ओर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यह एक अच्छी बात है कि आज भारत के युवा स्वरोजगार की संस्कृति को अपना रहे हैं। आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है। भारत में 1.25 लाख से ज़्यादा स्टार्टअप हैं। भारत में 116 यूनिकॉर्न हैं। भारत में स्टार्टअप से जुड़े 12 लाख युवाओं को नौकरी मिल रही है। भारत को दुनिया के बेहतरीन यूनिकॉर्न हब में गिना जाता है। उन्होंने कहा कि यह हमारे देश के युवाओं के टेक्निकल नॉलेज के अलावा उनके मैनेजमेंट स्किल और बिजनेस लीडरशिप का उदाहरण है। यही नहीं, भारत के युवा आज विश्व की लीडिंग टेक कंपनी हेड्स और सीईओज भी हैं। श्री सिंह ने कहा कि मेरा मानना है कि सभी संस्थानों को भी अमृत काल में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को ध्यान में रखकर करिकुलम बनाना चाहिए। परिवर्तन की रफ़्तार बहुत तेज है। आर्थिक जगत में उसका प्रभाव भी अहम होता है। ऐसे में उद्योग, व्यापार और आर्थिक प्रबंधन के भावी नेतृत्व को भविष्य के लिए तैयार रखना होगा। उन्होंने कहा कि देश और दुनिया के बदलते परिदृश्य में नई-नई चुनौतियां आती रहेंगी। एक विश्व स्तरीय प्रबंधन संस्थान विद्यार्थियों को उद्यमों से जुड़ी अनेक समस्याओं को सुलझाने के लिए तैयार करता है। उन्होंने कहा कि विश्व में हो रहे नए और सफल प्रयोगों से भी हमें सीखना चाहिए। हमें कैंपस के आस-पास उद्योग, व्यापार और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का एक इकोसिस्टम विकसित करना चाहिए जिससे हमारे देश के लिए विकसित राष्ट्र बनने का मार्ग सुगम हो। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि प्रदेश के शिक्षण संस्थान और उद्योग इस दिशा में मिलकर कार्य करेंगे और प्रदेश के समावेशी विकास में अपना योगदान देंगे।

कार्यक्रम में कुलपति कुमाऊँ विश्वविद्यालय दीवान सिंह रावत, कुलपति उत्तराखंड तकनीक विश्वविद्यालय ओंकार सिंह, कुलपति जीबी पन्त विश्वविद्यालय मनमोहन सिंह चौहान द्वारा प्रभारी निदेशक आईआईएम प्रोफेसर सोमनाथ चक्रवर्ती के साथ एमओयू साइन किये गए, इसके उपरांत तीनों कुलपतियों द्वारा अपने विचार भी व्यक्त किए व राज्यपाल एवं कुलाधिपति का आभार व्यक्त किया गया।

इस अवसर पर कुलपति उत्तराखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी डॉ ओंकार सिंह, कुलपति कुमाऊं यूनिवर्सिटी दीवान सिंह रावत, कुलपति गोविन्द वल्लभ पंत कृषि एवं प्रॉद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर डॉ0 एम एस चौहान, बोर्ड मेंबर संदीप सिंह, एनके मिश्रा, निदेशक आई आई एम काशीपुर सोमनाथ चक्रवर्ती, एडीएम अशोक कुमार जोशी, अपर पुलिस अधीक्षक अभय कुमार सिंह, एसडीएम अभय प्रताप सिंह, गौरव चटवाल सहित शिक्षकगण एवं छात्र-छात्राए उपस्थित थे।

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